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Tuesday 7 July 2020

Lyrics- Krishan kanhai jane kahan chip gayo re -- कृष्ण कन्हाई जाने कहाँ छिप गयो रे

कृष्ण कन्हाई जाने कहाँ छिप गयो रे



भजन के बोल -- Lyrics

कृष्ण कन्हाई जाने कहा छिप गयो री
ए जी मेरे ह्रदय में हा जी मेरे ह्रदय में उठे बिरह पीर/ कृष्ण कन्हाई...........

मुझे प्रीत का रोग लगाय गया, सावन मिलने का आय गया
उमड़ घुमड़ कर कारी बदरा छाय रही जी, ए जी देखो ठंडी ठंडी पडत फुहार
कृष्ण कन्हाई.....................

चहु ओर भई है हरियाली, पंछी चहके डाली – डाली
अब ना जुदाई सही जाये मेरे मोहन जी,ए जी मेरे जियरा में उठत हिलोरे
कृष्ण कन्हाई...........

तेरी बाट निहारु दिन रैना , तू ही है मोहन मेरा गहना
नैना गवाय मैंने रोये रोये, सावरे जी ए जी अब दासी की सुनलो पुकार
कृष्ण कन्हाई...........

Artist- Hemant Devi and Latika Chauhan

1 comment:

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